Dr Moumita Debnath: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज(R.G kar medical College Kolkata) में एक महिला डॉक्टर का रेप करने के बाद हत्या कर दिया था। Kolkata Doctor Case Supreme Court Hearing को मंगलवार 20 अगस्त को कोलकाता के आईजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर महिला के रेप और हत्या के मामले में स्वतं संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। तो आज के इस लेख में Dr Moumita Debnath case के बारे में जानेंगे।

Dr Moumita Debnath case सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई की जिसके चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने किस मामले की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एफआईआर (FIR) दर्ज करने में हुई देरी करने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। और कहा है किस केस में जल्द से जल्द सभी सबूत को सही से पेश किया जाए।
Dr Moumita Debnath की अंतिम संस्कार के 3 घंटे बाद क्यों दर्ज हुई एफआईआर (FIR)
Dr Moumita Debnath चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा जब शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया था। तो एफआईआर में 3 घंटे बाद क्यों दर्ज की गई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन की कार्य प्रणाली पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा अस्पताल के प्रिंसिपल क्या कर रहे थे। एफआईआर दर्ज नहीं हुई शव को माता-पिता को देर से सोपा गया। पुलिस क्या कर रही थी। या एक गंभीर अपराध है और अपराध स्थल पर एक अस्पताल(Hospital) है। तो वह क्या कर रहे थे और वैंडलर्स को अस्पताल में क्यों अंदर आने दिया गया।
Dr Moumita Debnath case पोस्टमार्टम और एफआईआर की टाइमलाइन पर भी उठ रहे हैं। गहरे सवाल
Dr Moumita Debnath case जस्टिस जी पारदीवाला ने एफआईआर दर्ज करने की टाइमलाइन पर भी गहरे सवाल उठाते हुए। पूछा एफआईआर दर्ज करने वाला पहला सूचनार्थी कौन था। एफआईआर दर्ज करने का समय क्या था। इस पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने बताया कि पहले सूचनार्थी मृतक के पिता थे।जिन्होंने रात तकरीबन 11:45 बजे पर एफआईआर दर्ज कराई इसके बाद अस्पताल के वाइस प्रिंसिपल ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी।
Dr Moumita Debnath: Supreme Court प्रिंसिपल संदीप घोष को कहीं नहीं नियुक्त किया जाए..
Dr Moumita Debnath case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने इस घटना के दो दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन इसके बाद उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त कर दिया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति जताई कोलकाता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है। कि जब तक आगे का आदेश नहीं आता है। तब तक प्रिंसिपल संदीप घोष को किसी भी अन्य मेडिकल कॉलेज में नियुक्त न किया जाए और प्रिंसिपल संदीप घोष को पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया जाए।